कही कही आ रहा गंदा पानी
बारिश के मौसम मे नागरिक शुध्द पेयजल के लिए परेशान
डिण्डौरी- जिले की शहपुरा नगर परिसद मे मुख्यमत्री शहरी पेयजल योजना के तहत करीब 13करोड रू की राशि खर्च कर परिषद के जिम्मेदारो ने पेय जल योजना प्रारम्भ की थी,योजना के तहत नागरिको को परिषद ने सपने दिखाये थे कि अब नगर मे पानी की कोई किल्लत नही होगी,नागरिको को दिन मे दो बार आरओ स्तर का पानी उनके घरो तक नल के माध्यम से मिलने लगेगा परन्तु वर्तमान मे परिषद के दावो के विपरीत हो रहा है बारिश के इस मौसम मे जहा लोगो को भीषण पानी की किल्लत से जूझना पड रहा है वही योजना के तहत आने वाला पानी भी दूषित आ रहा है आलम यह है कि पानी मे इतनी अधिक मात्रा मे क्लोरिन मिलाई जा रही है कि उससे लोगो के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड सकता है जानकार बतलाते है कि क्लोरिन की अत्यधिक मात्रा मे सेवन करने से छाले और उलटी से भी सेवनकर्ता प्रभावित हो सकता है वही कूछ स्थानो पर गंदा पानी आ रहा है।मामले को नर्मदा एक्सप्रेस ने प्रमुखता से प्रसारित किया था जिसके बाद आखिरकार नगर परिसद के जिम्मेदार गहरी नीद से जागे और ठेकेदार सारथी कंस्ट्रक्शन को नोटिस भेजा है।
बिना जांच पानी की सप्लाई
ठेकेदार को भेज गये नोटिस मे वर्णित है कि टेकरी स्थित फिल्टर प्लाट से सेम्पल लेकर जांच की गई जिसमे क्लोरिन की मात्रा 2 मिली ग्राम अधिक पाई गई जो कि पेयजल हेतु अस्वीकार है इसके पूर्व मे निरीक्षण मे पाया गया कि प्लाट मे बिना लैब टेक्नीशियन के पेयजल का वितरण किया जा रहा है ठेकेदार व्दारा व्यवस्था मे कोई सुधार नही किया जा रहा है।
लोगो के स्वास्थ्य से हो रहा खिलवाड
गौरतलब है कि उपरोक्त योजना के तहत आरओ स्तर के पानी को नागरिको के घर तक पहुचाने दावो के बीच लोगो के घरो तक कभी कभार पानी आ रहा है वही उस पानी मे भी क्लोरिन की मात्रा अधिक है तो कूछ स्थानो पर दूषित पानी आ रहा है वही नगर परिषद उपरोक्त योजना के ससारण के बदले ठेकेदार सारथी कस्ट्रक्शान को हर माह करीब दो से तीन लाख रू का भुगतान कर रही है जिस पर अनेको सवाल खडे हो रहे है वही जाच मे भी प्रदूषित पानी पाया गया है जिससे जाहिर होता है कि जिम्मेदारो व्दारा जल सप्लाई के नाम पर लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है।