सेंट्रल बैंक  मैनेजर पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन की राशि आहरण करने का लगा आरोप

डिंडोरी। जिले के बजाग में स्थित सेंट्रल बैंक के मैनेजर पर एक युवा दंपति ने फर्जी दस्तावेज तैयार का लोन स्वीकृत कर राशि आहरण करने के आरोप लगाए है।जिसकी शिकायत पीड़ित ने बजाग थाने में की है पीड़ित ने मामले की जांच कर न्याय दिलाए जाने की मांग भी की है मामले के अनुसार ग्राम पंचायत के ग्राम मानगढ़ निवासी राजेश्वरी मरावी ने आरोप लगाते हुए बताया कि उसने पीएमजीपी योजना के तहत वर्ष 2023 में वेल्डिंग वर्कशॉप के नाम पर व्यवसाय करने के लिए ऑन लाइन आवेदन किया था आवेदक के अनुसार जिस पर उक्त आवेदन की स्वीकृति एवं लोन पास कराने के लिए स्थानीय ब्रांच के सेंट्रल बैंक में पदस्थ प्रबंधक द्वारा हितग्राही से लगभग साढ़े तीन लाख रुपए की मांग की जाती रही है। आवेदक ने अपनी माली हालत का जिक्र करते हुए पैसे देने में असमर्थता जताते हुए लोन लेने से इनकार कर दिया था मैनेजर ने हितग्राही पर दबाव बनाते हुए कहा कि आपने ऑन लाइन आवेदन किया है आपको लोन लेना ही पड़ेगा। हितग्राही ने बताया कि उसने मजबूर होकर गांव में ही किसी पहचान वाले से दो लाख रुपए उधार लेकर दिनांक 27 सितंबर 2023 को बैंक में जाकर प्रबंधक की टेबल में जाकर दिए जिसे प्रबंधक ने रख लिए।हितग्राही ने बताया कि रूपये देते वक्त गांव का संतोष परस्ते नाम का एक व्यक्ति वहां मौजूद था और बैंक में लगे सी सी टीवी कैमरे में उस दृश्य की जांच की जा सकती है इसके बाद भी शेष रुपयों के लिए बैंक प्रबंधक बार बार फोन करता रहा है तथा नहीं देने पर एफ आई करने की धमकी दी गई।तब हितग्राही ने प्रबंधक के फोन पे नंबर पर नौ मार्च 2024 को बारह सौ रूपये का ट्रांजेक्शन किया। इसके बाद भी शेष रुपए की मांग करने पर हितग्राही ने लोन लेने से साफ इनकार कर दिया।लोन स्वीकृति के लिए बैंक प्रबंधक ने हितग्राही से कोटेशन बिल भी मांगा ।जिस पर हितग्राही ने बिना बिल्डिंग वर्क्स का समान लिए बिना एवं दुकान की फोटो खिंचाए बिना कोटेशन बिल देने से मना कर दिया।आरोप है कि जिसके बाद मैनेजर और एक दलाल ने कूट रचना रचते हुए फर्जी कोटेशन बिल के माध्यम से हितग्राही का दस लाख रुपए का कौन 15 मार्च 2024 को स्वीकृत कर दिया ।जिसकी कोई जानकारी हितग्राही को नहीं थी लोन की राशि आठ लाख रूपये 18 जुलाई को हितग्राही के खाते में एक मिनट के लिए आना दर्शाया गया।जिसके तुरंत बाद ही निधि अंतरण के जरिए दूसरे खाते में राशि ट्रांसफर कर दी गई।हितग्राही के मोबाइल पर उक्त राशि प्राप्ति का मैसेज आने पर उसने बैंक मैनेजर से इस संबंध में जानकारी ली तब प्रबंधक ने कहा कि फर्जी मैसेज आते रहते है ध्यान नहीं देना। हितग्राही ने बताया कि मार्च महीने में प्रबंधक द्वारा फोन कर लोन की किस्त जमा करो नहीं तो एफ आई आर की जाएगी तब हितग्राही के होश उड़ गया।इतना ही नहीं प्रबंधक ने बिना कोई नोटिस जारी करते हुए बजाग थाने में हितग्राही द्वारा लोन की किस्त जमा नहीं करने की शिकायत कर दी।इस संबंध में हितग्राही को थाने में बुलाकर उनके बयान दर्ज किए गए है तथा पीड़ित ने भी बैंक प्रबंधक द्वारा धोखाधड़ी किए जाने की शिकायत दर्ज कराते हुए न्याय की गुहार लगाई है।