उपयंत्री-सहायकयंत्री सहित अन्य की सांठगांठ से चेकडेम का घटिया निर्माण कार्य,निर्माण में हुआ बोल्डरों का उपयोग,एप्रोन भी क्षतिग्रस्त,कार्यपालन यंत्री ने कहा होगी दोषियों पर कार्यवाही

डिंडौरी। जिले के जनपद पंचायत मेहंदवानी अंतर्गत ग्राम पंचायत जैतपुरी में जिम्मेदारों के द्वारा निर्माण कार्यों में जमकर अनियमितता बरती जा रही है। लाखो रु की लागत से कराए गए निर्माण कार्य भृष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। बताया गया कि सरपंच – सचिव और तकनीकी अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया निर्माण को अंजाम दिया जा रहा है।

ये है पूरा मामला

दरअसल ग्राम पंचायत जैतपुरी अंतर्गत कछारी नाला के टेडिया नाला में सरपंच सचिव के द्वारा लाखो रु की लागत से चैकडेम का निर्माण वित्तीय वर्ष 2023 -24 में कराया गया है। बता दें कि चैकडेम का निर्माण में जिम्मेदारों के द्वारा जमकर लापरवाही बरती गई है। जिम्मेदारों के द्वारा मापदंड को दरकिनार कर चैकडेम का घटिया निर्माण कर लाखो रु का बंदरबांट किया जा रहा है। उक्त चैकडेम निर्माण के दौरान बोल्डर डाले गए है,जो स्पष्ट दिख रहा है। वहीं एप्रोन भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।  चैकडेम के नीचे की हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है,जिससे पानी का रिसाव हो रहा है। वहीं साइडवाल के नीचे का हिस्सा भी खोखला हो गया है, जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्माण एजेंसी के द्वारा चैकडेम निर्माण कराने से पहले नींव की खुदाई कर नहीं बनाया गया है। निर्माण एजेंसी ऊपर ही ऊपर चैकडेम बनाकर तैयार कर दिया गया है।

उपयंत्री,सहायक यंत्री की कार्यप्रणाली पर उठ रही सवाल

ग्राम कछारी के टेडिया नाला में बनाये गए चैकडेम की स्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि मापदंड के विपरीत कराया गया है। जबकि चैकडेम की गुणवत्ता की देखरेख की जिम्मेदारी उपयंत्री और एसडीओ को दी गई है,किंतु इनके द्वारा देखरेख नहीं करने के चलते निर्माण एजेंसी मनमानी पूर्वक मापदंड के विपरीत घटिया निर्माण कराया जा रहा है। ये भी कहा जा सकता है कि सरपंच सचिव और तकनीकी अधिकारियों की मिलीभगत से स्वयं को अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में चैकडेम का गुणवत्ताविहीन निर्माण कराया गया है।

इनका कहना है:फोटो, वीडियो भेज दीजिये, मैं जांच टीम गठित कर एक सप्ताह के अंदर जांच करवा लेता हूँ। जांच उपरांत गड़बड़ी पाई जाती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।प्रमोद कुमार ओझा,सीईओ,जपं. मेहंदवानी

आपके माध्यम से जानकारी मिली है,जल्द ही जांच कराई जाएगी। जांच में अनियमितता पाई जाती है तो वसूली और निर्माण एजेंसी और इंजीनियर के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।डीएस आर्मो, ईई, आरईएस विभाग डिंडौरी।